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Chorus
जिसकी राह देखी थी प्रभु तूने
वही दुल्हन को पाया है
जैसी तेरे विचारों में वो थी
उसे वैसे ही बनाया है
Verse1
अब वो तेरे ही रुप में बढ़ी है
जैसे तूने ठहराया है
वो ही पूरे वचन पर खड़ी है
जैसे तूने सिखाया है
जिसे ठुकराया था संसार ने
उसे तूने अपनाया है
जोडकर उसको अपने ही जीवन से
अपनी दुल्हन बनाया है
Verse2
ना कोई दाग है ना कलंक है
ना कोई दोष उसमें अब है
जल से धुलकर पवित्र हुई है
वही महमीत कलीसिया अब है
अपने आप में अब कुछ भी नहीं वो
इस प्रकाशन को पाया है
जिस से सबको क्षमा अब करे वो
उस अभिषेक को पाया है
Verse3
सारे जग से अलग वो खड़ी है
वस्त्र पहने वो तैयार है
पुनरुत्थान की आयी अब घडी है
जाने को अब वो तैयार है
देकर अपना ही नाम उसे तुने
सारे जग को बताया है
“यही दुल्हन है” अब तू उसी में
की जीवित होकर फिर आया है
These known chords are used in this song.