68. निर्मल प्यार है तू, तू है संपूर्ण ज्ञान

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Key (original): D
Key (transposed): D
Chorus
D 
निर्मल प्यार है तू, तू है संपूर्ण  
A 
ज्ञान
G 
सच्ची ज्योति तू है.  
A 
स्तुति हो  
D 
तेरी
Verse 1
D 
तू तो जीवन  
G 
का 
 
 
A 
बहता झरना  
D 
है
D 
पीते हैं  
G 
गुन्हेगार, 
 
 
A 
पाते हैं  
D 
उद्धार – 2
Verse 2
D 
तू तो स्वर्ग  
G 
से 
 
 
A 
उतरी रोटी  
D 
है
D 
जो कोई खाता  
G 
है, 
 
 
A 
जिन्दा रहता  
D 
है – 2
Verse 3
D 
तू तो भेडों  
G 
का 
 
 
A 
सच्चा गडरिया  
D 
है
D 
खोये हुओं  
G 
को तू  
A 
ढूँढ के लाता  
D 
है – 2
Verse 4
D 
तू है  
G 
संपूर्णता, 
 
 
A 
एक परमेश्वर  
D 
की
D 
पिता, पुत्र  
G 
और 
 
 
A 
पवित्र आत्मा  
D 
भी – 2

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